
रेलवे जल्द ही गार्ड व ड्राइवरों को पेटी की जगह ट्राली बैग देने जा रहा है। इस ट्राली बैग में कर्मचारियों को अपना आवश्यक हल्का सामान रखना होगा। पेटी में जो भारी सामान रहता है, उसे इंजन व गार्ड के डिब्बे में ही फिक्स कर दिया जाएगा। इससे प्लेटफार्म पर इधर- उधर रखी पेटियों के कारण होने वाली समस्या से निजात मिल जाएगी। प्लेटफार्म पर वक्त पर पेटी न चढ़ने पर ट्रेन के देरी से चलने की गुजांइश नहीं रहेगी। पेटी चढ़ाने और उतारने के लिए प्राइवेट कर्मचारी भी नहीं लगाने होंगे।
रेलवे में शुरुआत से ही ड्राइवर व गार्ड को लाइन बाक्स (पेटी) देने की व्यवस्था चली आ रही है। सभी को अलग- अलग पेटियां दीं गईं हैं, जिन पर उनका नाम व पद लिखा होता है। ट्रेन या मालगाड़ी के आने पर आगे जाने वाले संबंधित ड्राइवर व गार्ड की पेटी को चढ़ा दिया जाता है और जो लोग गाड़ी लेकर आते हैं उनकी पेटी को उतार लिया जाता है। पेटी में उक्त कर्मचारी आवश्यक औजार, नियमों की पुस्तकें, खानपान बनाने की सामग्री रखते हैं। पेटी को उतारने व चढ़ाने के लिए प्राइवेट कर्मचारी लगे हैं।
रेलवे ने महसूस किया है कि कई बार एक साथ अलग- अलग प्लेटफार्मों पर ट्रेनें आने के वक्त पेटी चढ़ाने में देरी हो जाती है। इससे ट्रेन का समय पालन बिगड़ जाता है।
रेलवे अब इस व्यवस्था में परिवर्तन करने जा रहा है। योजना के तहत कर्मचारियों को लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग दिया जाएगा। पेटी में जो भारी सामान होते हैं, जिनको इंजन व गार्ड डिब्बे में रख (फिक्स) दिया जाएगा। जिससे कर्मचारियों को अलग- अलग सामान नहीं देना होगा। कर्मचारियों को हल्का सामान ट्राली बैग में रखकर खुद चलना होगा। रेलवे बोर्ड ने अभी इस संबंध में चार जोनों को आदेश जारी कर दिए हैं। जल्द ही ये आदेश उत्तर मध्य रेलवे में भी लागू हो जाएगा। इस संबंध में जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उक्त योजना पर विचार चल रहा है।
पेटी में ये रहता है सामान अभी गार्ड व ड्राइवर की पेटी में टॉर्च, हाथ सिग्नल, लाल और हरी झंडी, पटाखे का डिब्बा, नियमों की पुस्तकें, वर्किंग टाइम टेबल, एलबी बोर्ड, रफ जनरल किताब, गार्ड सर्टिफिकेट, गार्ड मेमो बुक, तीन ताले, चेन पुलिंग ठीक करने की चाबी, इंजन खराब होने पर ठीक करने की किताब, हेड व बैक लाइट का बल्ब व अन्य औजार रहते हैं। साथ ही, कर्मचारी अपनी पेटी में आटा, दाल, नमक आदि खानपान की सामग्री भी रखते हैं।