
सरकार ने प्रोबेशन पीरियड को दो की बजाय अब तीन साल का कर दिया है। सरकार वेतन कटौती के बाद बची हुई 70 फीसदी के मूल वेतन के आधार पर भत्तों का निर्धारण करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों के प्रोबेशन पीरियड के नियमों में बदलाव किया है। इसके साथ ही वेतन के साथ मिलने वाले तमाम भत्तों के नियमों को लेकर भी बदलाव किए गए हैं। सरकार ने तय किया है कि पहले वर्ष के दौरान नए कर्मचारी की सैलरी में 30 फीसदी तक की कटौती की जाएगी।
इसके साथ ही सरकार ने प्रोबेशन पीरियड को दो की बजाय अब तीन साल का कर दिया है। सरकार वेतन कटौती के बाद बची हुई 70 फीसदी के मूल वेतन के आधार पर भत्तों का निर्धारण करेगी। राज्य वित्त विभाग की ओर से मंगलवार (28 जुलाई 2020) को जारी आदेश में यह बातें सामने आई हैं।
ताजा आदेश में कहा गया है कि प्रोबेशन पीरियड के दौरान कर्मचारियों को सैलरी का 70 फीसदी, दूसरे साल 80 और फिर तीसरे साल 90 फीसदी भुगतान तय किया गया है। प्रोबेशन पीरियड की समाप्ति के बाद कर्मचारियों को इस व्यवस्था से हटा दिया जाएगा। ये आदेश सीधी भर्ती के पदों पर भी लागू होंगे।
आदेश में कहा गया है कि सरकारी विभाग में ऐसे चयनित सेवक जो कि सीधी भर्ती के पदों पर हैं वह भी इस व्यवस्था से अछूते नहीं। वित्त विभाग के एसीएस अमिताभ जैन के मुताबिक छत्तीगसढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित उम्मीदवार की नियुक्ति भी शामिल है।
कोरोना संकट का असर मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व पर भी पड़ा है। इस वजह से आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों का वेतन नहीं बढ़ेगा। राज्य सरकार ने कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2020 को देय वार्षिक इंक्रीमेंट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
इन कर्मियों को मिलेगी अटका हुई सैलरी: कोरोना संकट के बीच दिल्ली के नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों के डॉक्टरों को जल्द अटका हुआ वेतन मिलेगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह नॉर्थ एमसीडी के 6 अस्पतालों के डॉक्टरों की अटकी हुई सैलरी के लिए फंड जारी करें। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा है कि वे 15 दिन के भीतर 8 करोड़ रुपये नॉर्थ एमसीडी को दें। कोर्ट ने बुधवार को यह निर्देश जारी किए हैं।