
कोरोना संकट के चलते कई उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत पर जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोक लगाई है। योगी सरकार का यह फैसला सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स पर लागू किया गया है। सरकार के इस फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
अनिल और सुरेंद्र राही ने इस मामले पर याचिका दायर की है। राही का कहना है कि सरकार का इस तरह भत्तों पर रोक लगाना गैरकानूनी और असंवैधानिक है। याचिका में कहा गया है कि योगी सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। जस्टिस जेजे मुनीर ने याचिका पर राज्य और केंद्र स्तर पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से इस संबंध में जानकारी मांगी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के डीए में इजाफे पर जून 2021 तक के लिए रोक के फैसले से सूबे के कुल 16 लाख राज्यकर्मियों, 3 लाख अध्यपाकों पर असर पड़ेगा। इसके अलावा 12 लाख पेंशनर भी इस फैसले से प्रभावित होंगे। यही नहीं योगी सरकार ने डीए के अलावा 5 अन्य भत्तों पर भी रोक लगाई है। कुल मिलाकर यूपी सरकार ने 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई है। यूपी के मुख्य सचिव ने 24 अप्रैल 2020 को यह आदेश जारी किया है।