
कोरोना संकट और बीते दो महीने के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के चलते राज्य सरकारों के कोष पर भार बड़ा है। कई राज्यों ने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की है और डीए पर भी रोक लगा दी है। इसी कड़ी में अब उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारियों के इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सरकार ने फैसला लिया है कि नई भर्तियां भी नहीं होंगी।
फैसले के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में किसी भी पद पर इंक्रीमेंट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सा और पुलिस को छोड़कर अन्य किसी महकमे में नए पदों को मंजूरी नहीं मिलेगी। बुधवार को देर रात मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान किसी भी कर्मचारी को वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी और सभी विभागों में ताजा भर्तियों पर रोक होगी। ये रोक चिकित्सा और पुलिस विभाग को छोड़कर सब जगह लागू होगी।
सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में कम्प्यूटरीकरण होने से विभागों के कार्यभार में कमी आयी है जिसके दृष्टिगत बदले परिवेश में अनुपयोगी पदों को चिन्हित कर उन्हें समाप्त किया जाए और इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को अन्य पदों या अन्य विभागों में समायोजित कर दिया जाए।
बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने मुख्य सचिव से लेकर नीचे तक के कर्मचारियों के वेतन से हर महीने एक दिन का वेतन सीएम रिलीफ फंड में डालने का फैसला किया है। दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। इसका सीधा असर अब नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। यह असर सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की नौकरी करने वाले लोगों पर हो रहा है।