केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी सरकार ने रोजगार का वैकल्पिक अवसर देने का फैसला लिया है। पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। सरकारी एवं सैन्य बलों की मेडिकल सेवाओं में सहायक के तौर पर काम करने वाली इस संस्था से जुड़ने के लिए रिटायर्ड कर्मचारियों को सिर्फ एक फॉर्म ही भरना होगा। आपदा के समय योगदान देने वाली इस संस्था में काम करने के लिए दिल्ली, एनसीआर में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों को प्रतिमाह एक निश्चित मानदेय भी दिया जाएगा।
देश के राष्ट्रपति इस संस्था के पदेन अध्यक्ष होते हैं। आदेश के मुताबिक सेक्शन ऑफिसर के पद से नीचे काम कर चुके कर्मचारी इसके लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यह नौकरी रेड क्रॉस सोसायटी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय के लिए होगी और पूरी तरह से कॉन्ट्रैक्ट की जॉब होगी। रेड क्रॉस सोसायटी की देश भर में 1,100 ब्रांच हैं।
देश में किसी आपातकाल की स्थिति या फिर आपदा के दौर में रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से मदद की जाती है। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस मूवमेंट का हिस्सा है। भारत में 1920 में एक ऐक्ट पारित कर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की स्थापना की गई थी। दुनिया भर में मानवता के जरिए शांति का संदेश देने वाली इस संस्था के अध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री के पास चेयरमैन के तौर पर जिम्मेदारी होती है।
इस सोसायटी की नेशनल टीम में कुल 19 सदस्य होते हैं, जिनके द्वारा सोसायटी के वाइस प्रेसिडेंट का चयन किया जाता है। इसके अलावा सोसायटी के चेयरमैन और 6 अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति की ओर से की जाती है। इसके अलावा अन्य 12 सदस्यों का चुनाव राज्यों की रेड क्रॉस सोसायटी यूनिट के द्वारा किया जाता है। समिति का सेक्रेटरी जनरल ही रेड क्रॉस सोसायटी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है।