सरकार ने प्रदेश के 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन का नया फार्मूला बना लिया है। इसके अनुसार इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले सातवें वेतन के न्यूनतम का 90 फीसदी वेतन मिलेगा। कैबिनेट में बीते मंगलवार को लिए गए फैसले के बाद शासन ने नए नियमों का खाका भी बना लिया है। इसमें नियमित पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा देने का भी प्रावधान है।
महासंघ नाखुश कहा- 15-20 साल वालों का क्या होगा?
सरकार द्वारा तय नए नियमों एवं वेतन फार्मूले से संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ नाखुश है। प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि इसमें वरिष्ठता को तवज्जो ही नहीं दी गई। 15- 20 साल से कार्यरत व नए कर्मचारियों को एक समान वेतन मिलेगा। पुराने कर्मचारियों का वेतन वरिष्ठता के आधार पर तय करना चाहिए। जो पहले से नियमित पदों के विरुद्ध काम कर रहे थे, कम से कम उन्हें तो रेगुलर कर देना था। सरकार ने वादा खिलाफी की है। बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले सातवें वेतन के मुताबिक बनाया खाका
किस श्रेणी के कर्मचारियों के लिए क्या होगा नया वेतन
श्रेणी नियमित पद पर संविदा के लिए
चतुर्थ 15500- 16100 13950- 14490
तृ़तीय 18000, 16200
19500 17550
22770 19890
25300 22770
28700 25830
32800 29520
द्वितीय 36200 32580
42700 38430
49100 44190
56100 50490
प्रथम
67300 60570
79900 71910
123100 110700
इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, मकान किराया, वाहन भत्ता, ग्रेच्युटी, अनुकंपा नियुक्ति, एक्सग्रेसिया, मेडिकल रीइंबर्समेंट जैसी सुविधाएं देने का कोई जिक्र नहीं है। केबिनेट के फैसले से प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के संगठन नाराज हैं।
तीन बार बदला मसौदा
इन कर्मचारियों के लिए यह कवायद तीन महीने से चल रही थी। इसके लिए जीएडी ने तीन बार मसौदा बदला। पिछली कैबिनेट में ही अंतिम मसौदा रखा गया।