लोहानी ने रेलवे अफसरों को समझाई टीटीई की अहमियत
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अश्र्वनी लोहानी ने रेलवे के आला अफसरों को वाणिज्यिक विभाग की अहमियत समझाते हुए इससे जुड़े टीटीई जैसे कर्मचारियों को सम्मान देने को कहा है।
रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को भेजे निर्देश में लोहानी ने कहा है कि जो भी संगठन वाणिज्यिक प्रकृति के हैं उन्हें आगे रहते हुए सुधारों की अगुवाई करनी चाहिए। टीटीई को वाणिज्यिक विभाग की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए चेयरमैन ने कहा कि हमें टीटीई तथा अन्य कमर्शियल स्टाफ का विशेष ख्याल रखना चाहिए तथा छोटी-छोटी बातों पर उन्हें प्रताडि़त या अपमानित नहीं करना चाहिए। उन्होंने टीटीई का मनोबल बढ़ाने लिए सभी जोनो तथा डिवीजनों से माह का सर्वश्रेष्ठ टीटीई चुनने और पुरस्कृत करने को कहा। उन्होंने इसी तरह की प्रक्रिया वाणिज्यिक विभाग के अन्य स्टाफ के मामले भी अपनाने की सलाह दी।
लोहानी ने टीटीई के पास जमा कैश यात्रियों के सामने गिनने की प्रथा को अनुचित और अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा टीटीई रेलवे का चेहरा है। उसके साथ हम इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं। उनका गौरव व आत्मविश्र्वास जीतने के लिए हमें अवश्य ही कुछ न कुछ करना होगा। इसलिए अगले महीने टीटीई की लॉबियों का निरीक्षण वाणिज्यिक विभागाध्यक्ष और इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष करेंगे। इसके लिए एक अभियान चलाया जाएगा।
रेल अफसरों की पत्नियों की फिजूलखर्ची पर भी रोक
ना सिर्फ रेलवे के अधिकारियों को बल्कि उनकी पत्नियों को भी कहा गया है कि वह दिखावा कम करें और फिजूलखर्ची न करें।
रेलवे वुमेंस वेलफेयर आर्गिनाइजेशन (आरडब्लूडब्लूओ) के अध्यक्ष और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी की पत्नी अरुणिमा लोहानी ने आरडब्लूडब्लूओ के सदस्यों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि वह फिजूलखर्ची बंद करें। रेलवे अफसरों को भी वीआइपी संस्कृति बंद करने की हिदायत पहले ही दी जा चुकी है।
विगत तीन अक्टूबर को जारी पत्र में अरुणिमा लोहानी ने आरडब्लूडब्लूओ के सदस्यों से कहा कि वह बैठकों के दौरान फूलों की साजसज्जा से बचें। संगठन के कोष से किसी को भी स्मृतिचिन्ह और तोहफे न दिये जाएं। ऐसी बैठकों में चाय-नाश्ते का खर्च भी आरडब्लूडब्लूओ की तय राशि से ही मंगाया जाए। बिदाई समारोह केवल सेवा निवृत्ति पर आयोजित किए जाएं। इसका खर्च भी 2 हजार रुपये से अधिक न हो। किसी का तबादला होने या किसी के जन्मदिन आदि का जश्न नहीं मनाया जाए।
एक अधिकारी ने बताया कि पहली बार किसी अध्यक्ष ने ऐसी हिदायतें जारी की हैं। कोई भी अधिकारी गुलदस्ते और तोहफे भी स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही कोई भी पदाधिकारी संगठन का पैसा अपने पास नहीं रखेगा। कोषाध्यक्ष और सचिव का तीन साल का कार्यकाल किसी भी सूरत में न बढ़ाया जाए।