Government cuts rates, EMIs on loans to be reduced
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी कम किया, बैंक जल्द ही ब्याज दरें घटा सकते हैं
रिजर्व बैंक के फैसले के हिसाब से बैंक ब्याज दर 0.25 फीसदी घटाते हैं तो होम लोन या ऑटो लोन की ईएमआई में कमी आएगी। इससे 20 लाख के होम लोन पर सालाना करीब चार हजार रुपये बचत हो सकती है। आवास सस्ते होने से आने वाले त्योहारी मौसम में आवासीय संपत्तियों की बिक्री बढ़ने की संभावना है।
मुंबई एजेंसीरिजर्व बैंक ने बुधवार को उम्मीदों के मुताबिक नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25 फीसदी कटौती का ऐलान किया। इससे पर्सनल, आवास एवं वाहन ऋण के भी जल्द ही सस्ते होने की उम्मीद बढ़ गई है। सात साल में सबसे कम:आरबीआई की छह सदस्यीय समिति ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के दूसरे दिन रेपो रेट 6.25 से घटाकर 6 प्रतिशत करने की घोषणा की। अक्तूबर 2016 के बाद पहली बार ब्याज दर में कमी की गई है और यह नवंबर 2010 के बाद से सबसे कम रेपो रेट है।
महंगाई काबू होगी: निर्णय का स्वागत करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि यह आर्थिक विकास को बढ़ाने और महंगाई को नियंत्रण में बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उद्योग संगठन एसोचैम ने भी महंगाई दर के पांच वर्षों के निचले स्तर पर होने और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का हवाला देकर ब्याज दर में कटौती की मांग की थी। कंपनियों के फंसे कर्ज पर चिंता: रिजर्वबैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने 2017-18 के लिए आर्थिक विकास दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन बड़ी कंपनियों के फंसे कर्ज पर चिंता जताई।
पटेल ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक जोखिम में फंसे बड़ी कंपनियों के कर्ज को सुलझाने और सरकारी बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने पर मिलकर काम कर रहे हैं। इससे मांग बढ़ेगी जिससे ऋण उठाव बढ़ेगा। बैंकों ने सराहा: एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि दर में कटौती से बाजार धारणा मजबूत होगी। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर ने कहा वैश्विक निवेशकों का भरोसा बहाल होगा। देना बैंक के चेयरमैन अश्विनी कुमार ने कहा कि इस कटौती से ऋण वृद्धि को बल मिलेगा। क्रेडाई के अध्यक्ष जैक्से शाह ने कहा कि त्यौहारी मौसम से ठीक पहले यह एक स्वागत योग्य कदम है।
सस्ता न करने पर फटकार
नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती मुद्रास्फीति से संबंधित सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। बैंकों के पास ब्याज दरों में कटौती के लिए और गुंजाइश है। इससे विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों को फायदा होगा, जिन्हें अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। -उर्जित पटेल, गवर्नर, रिजर्व बैंक
के बाद पहली बार ब्याज दर में कमी की गई
सितंबर के बाद से सबसे कम हुआ रेपो रेट
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